Friday, February 23, 2024

किश मिश

ज़िन्दगी में कभी ऐसी
फिर से आतीश नहीं होती (आतिश = light)
तुझको पा ही लेते गर हम 
फिर ये ख़्वाहिश नहीं होती (ख़्वाहिश = desire)

इश्क़ में बादल बारिश की
आज़माइश नहीं होती (आज़माइश = test)
शायरी फिर भी कर लेता
ऐसी कोशिश नहीं होती 

तू अगर मेरे ख़्वाबों में 
सारी गर्दिश नहीं होती (गर्दिश = rotation, everywhere)
शेर तुझपे तो पढ़ देता 
ऐसी लर्ज़िश नहीं होती (लर्ज़िश = vibrato)

सोच अपने सफर में गर 
ऐसी बंदिश नहीं होती (बंदिश = restriction)
खीर में सब कुछ तो होता 
मगर किश मिश नहीं होती 

No comments:

लिफ़ाफ़े ( एक नज़्म )

उनकी यादों के लिफ़ाफ़े को आज खोला है  कितनी प्यारी सी ये तस्वीर मिली है मुझको  जी में आता है के सारे वो लम्हे फिर से जिऊँ    क्या ख़बर कौन से प...