बोहत शोर है यहाँ, कहाँ सन्नाटे मिलेंगे
फूलों की ख़ाहिशों में, यहाँ कांटे मिलेंगे
रुलाते मिलेंगे, मुस्कुराते मिलेंगे
तुझे नींद के मसीहा भी जगाते मिलेंगे
दावों की क़तारों में, तुझे घाटे मिलेंगे
हटाते मिलेंगे, तुझे भुलाते मिलेंगे
तू टूट जाए ऐसे, तुझे दावे मिलेंगे
हमदर्द तेरे हँसते, और हंसाते मिलेंगे
ये दुनिया है भई दुनिया, यहाँ सारे मिलेंगे
कुछ आते मिलेंगे, तो कुछ जाते मिलेंगे
ए दोस्त, चल कभी तो तुझसे, आके मिलेंगे
घडी के कांटे मिलेंगे, हम मिलाते मिलेंगे