जाने क्यूँ ऐसा ही होता है अपना मंज़र
मिलना पड़ता है उन्हें जो नहीं होते हम-सर
ज़िन्दगी लाती है किस्मत में हमारी उनको
जो नहीं होते अपनी किस्मत में अक्सर
जिसकी शिद्दत से होती है रौशनी दिल में
वो बुझा जाता है चराग़-ए-दिल अक्सर
मिलना जुलना तो होता ही है तुममे मुझमें
दिल कहीं होता है, होता है कहीं पर पैकर
दिल में रहते तो हो क़िस्मत में भी लाकर देखो
क्या पता उड़ना जो चाहो तो निकल आएं शहपर
ख़ुशनुमा गीत अब गाना शुरू तुम कर दो
कोई उदास सा हो जाता है ये हमसे कहकर
ज़िन्दगी लाती है किस्मत में हमारी उनको
जो नहीं होते अपनी किस्मत में अक्सर