तुझको भुला दिया ये ऐतबार है मुझे
लेकिन तेरे खतों का इंतज़ार है मुझे
ग़ाफ़िल हूँ क़ायनात से फिरता हूँ दर-बदर
शायद तेरी आँखों से बोहोत प्यार है मुझे
कहते हैं दुआओं का असर काम आएगा
क़ुरबत भी तो यारों की अब नाचार है मुझे
सोचा था तेरी याद को ख़ाबों में दूँ मज़ार
आँखों में बसी नींद भी बेदार है मुझे
कहती है ज़ुबाँ दिल की ज़रा दिल से काम ले
मैं जानता हूँ दिल पे अख्तियार है मुझे