Tuesday, January 23, 2024

प्यार

तेरी तस्वीर रख रख के नज़र से दूर करता हूँ 
बेवजह किसी बहाने से खुद को मजबूर करता हूँ 

मैं अक्सर वादा कर के ही दिल को मायूस करता हूँ
तेरी आदत न रही फिर भी तुझे महसूस करता हूँ 

याद बेशक तेरी मुझको दर्द बेइंतेहा देती 
याद कर कर के ज़ख्मों को लहू नासूर करता हूँ 

तेरी तक़दीर में शायद मैं नहीं और है कोई
तेरी इस बात को अब मैं दिल से  मंज़ूर करता हूँ 

तू मुझसे दूर है लेकिन तू मेरे दिल में बस्ती है 
इसलिए जानेमन तुझको प्यार भरपूर करता हूँ 


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