किसे बताएं के क्या हो रहा अपने संग वाक्या
कोइ छुअन सी लगे जब भी चलती है कभी हवा
किसी को देखने लगे हैं हम जब देखें आइना
मेरे ख़ुदा ऐ ख़ुदा खुद आ के तूही बता
तू ही बता क्या इस रोग की होती है कहीं दवा
बेवजह है धड़कनों का ये कैसा सिलसिला
लगता के शिद्दतों से है किसी ने याद किया
किसी तरह से चले पता के ये क्या है माजरा
मेरे ख़ुदा ऐ ख़ुदा खुद आ के तूही बता
तू ही बता क्या इस रोग की होती है कहीं दवा
नाही लिखना कोई पैग़ाम ना ही नाम किसी का
किसी अलफ़ाज़ पे कारीगरी कर देते क्यों हैं मिटा
कोई फ़रियाद नहीं अब याद माँगूँ ना कोई दुआ
मेरे ख़ुदा ऐ ख़ुदा खुद आ के तूही बता
तू ही बता क्या इस रोग की होती है कहीं दवा