Thursday, February 15, 2024

आदत

दिल की ये धड़कन इबादत सी है 
और तेरी मुरादें इनायत सी है 
ज़िंदा तो वैसे भी रह लेते हम 
पर दिल को धड़कने की आदत सी है 

बातें करूँ दिन की रातें करूँ 
मेरा बस चले तो मैं क्या न करूँ 
लगता है कोई विरासत सी है 
यूँ के दिल को धड़कने की आदत सी है 

मुझे महफिलों की तो ख्वाहिश नहीं 
महफिलों के ख़ुदा की नवाज़िश नहीं 
तू जो नहीं तो हरारत सी है 
मेरे दिल को धड़कने की आदत सी है 

तू नहीं कुछ नहीं ऐसा भी तो नहीं 
आज तू न सही तेरी यादें सही 
दिल में मेरे तू हिफाज़त सी है 
इस दिल को धड़कने की आदत सी है 

देख बेचैनी है शाम से ही मुझे 
एक पैग़ाम भेजा है मैंने तुझे 
दिल में कसक सी शरारत सी है 
यूँ ही दिल को धड़कने की आदत सी है 

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