Thursday, February 01, 2024

वक़्त

वक़्त है, कहीं बड़ा सख़्त है
कहीं बड़ा प्यारा, बस तुम्हारा

वक़्त है, कभी बहुत थोड़ा
थोड़ा भी बहुत है, ओ दिलदारा

वक्त है, ज़िन्दगी का ज़ेवर
जिसने है ग़ुज़ारा, वो बेसहारा

वक़्त है, सबके पास अपना
पास अपने कुछ भी, ना रहने वाला

वक़्त है, बहता हुआ पानी
जिंदगी है जानी, मौत का इशारा

वक़्त है, सांसों की रवानी
हलचलों का घर है, यादों का पिटारा

वक्त है, कैसा भी हो कम है
ना मिला उसका ग़म है, ना मिलने वाला

वक़्त है, जिसके पास ना हो
वो बेअसर है, ना उसमें जान

वक़्त है, असलियत में लेकिन
ना कोई मंजिल, ना इम्तेहान 

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