Friday, February 16, 2024

मुहब्बत

अमीरों के जलवे, हसीनों की शोखी 
जवानी की शान-ए-रियासत बड़ी है 
अगर मुझसे पूछो, के क्या देखते हो 
नज़र में मेरी तो नज़ाक़त बड़ी है 

है मज़बूत बाज़ू , है मॅहदूद दिल भी
               ..... (मॅहदूद = बड़ा, असीम)

ये माना के तेरी ये ताक़त बड़ी है
नहीं चाहिए और कुछ दोस्ती में
मेरे दोस्त बस तेरी सोहबत बड़ी है 

हो तिफ्लों का बढ़ना, या पौधों का बचना
                          ..... (तिफ्ल = बच्चे)
सभी को पता है के मेहनत बड़ी है
मगर फल मिले तो हो सीना बराबर
अगर ना मिले तब तो ज़ेहमत बड़ी है 
                        ..... (ज़ेहमत = कष्ट)

मनाही अगर हो किसी बात की तो
वही बात करने में राहत बड़ी है
इबादत बड़ी या ज़ियारत बड़ी है
        ..... (इबादत = पूजा, ज़ियारत = तीर्थ स्थल )
मेरी बात मानो मुहब्बत बड़ी है


लिफ़ाफ़े ( एक नज़्म )

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