अमीरों के जलवे, हसीनों की शोखी
जवानी की शान-ए-रियासत बड़ी है
अगर मुझसे पूछो, के क्या देखते हो
नज़र में मेरी तो नज़ाक़त बड़ी है
है मज़बूत बाज़ू , है मॅहदूद दिल भी
..... (मॅहदूद = बड़ा, असीम)
ये माना के तेरी ये ताक़त बड़ी है
नहीं चाहिए और कुछ दोस्ती में
मेरे दोस्त बस तेरी सोहबत बड़ी है
हो तिफ्लों का बढ़ना, या पौधों का बचना
..... (तिफ्ल = बच्चे)
सभी को पता है के मेहनत बड़ी है
मगर फल मिले तो हो सीना बराबर
अगर ना मिले तब तो ज़ेहमत बड़ी है
..... (ज़ेहमत = कष्ट)
मनाही अगर हो किसी बात की तो
वही बात करने में राहत बड़ी है
इबादत बड़ी या ज़ियारत बड़ी है
..... (इबादत = पूजा, ज़ियारत = तीर्थ स्थल )
मेरी बात मानो मुहब्बत बड़ी है