Friday, February 23, 2024

हक़ीक़त

(wellness industry)

जिन समाजों में हम तुम रोज़ जिए जाते हैं 
जीने के नाम से मोहताज किये जाते हैं 
इलाज-ए-ज़िन्दगी सुन रखी थी कभी लेकिन 
यहाँ लाशों के भी इलाज किये जाते हैं 

(reality shows industry)

कहीं तफ़्री की खातिर नाज़ किये जाते हैं 
उन्हीं नाज़ों के फिर रिवाज़ किये जाते हैं 
जब किसी साज़ से बहलता नहीं दिल सबका 
बे आबरू सारे जज़्बात किये जाते हैं 

(elective politics)

हम कहाँ बेवकूफियों से बाज़ आते हैं 
रेहनुमा ढूंढते ऐसे ही चले जाते हैं 
बे-अकल मिल भी जाते हैं यूँ नवाज़िश के लिए 
बेवकूफों के ये सरताज किये जाते हैं  

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