मोहब्बत चीज़ क्या है
और ये करने की गरज़ क्या है
पूछते हैं हमें जीते जी
मरने की गरज़ क्या है?
हम उनको बोलते हैं
बर्फ से पानी निकलता है
अगर पानी से जीना है
तो झरने की गरज़ क्या है?
हमें मरना तो है इक दिन
ये सच है और मुनासिब है
तुझे गाड़ी गुजरने पे
ठहरने की गरज़ क्या है?
कोई बैठा है तेरे घर
तुझे वो याद करता है
अकेला तू वो तनहा है
तो डरने की गरज़ क्या है?
ये चुप्पी बोलती है साफ़
बातें ये बराबर हैं
मेरी बातें जो सच्ची हैं
तो लड़ने की गरज़ क्या है?
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