Sunday, February 18, 2024

कोहिनूर

हुस्न तेरा ये कोहिनूरी है 
अब्र की शिद्दतें भी पूरी हैं .... (अब्र = बादल, शिद्दत  = intensity)
दिल संभाले तो कोई कैसे बता 
कुछ तो कहना तुझे ज़रूरी है 

ये चमक है तेरा सुरूर-ए-नशा  .... (सुरूर = toxic)
आँख तेरी ये चश्म-ए-नूरी है  .... (चश्म-ए-नूरी = प्रकाश सी नज़र )
देख अपनी नज़र को देख ज़रा
देख इनको ये भूरी भूरी हैं

मुस्कराहट से काम चलता है 
रुख़ पे तेरे हंसी अधूरी है (रुख़ = चेहरा)
मिलने आये हो कुछ तो बात करो 
बात करना भी तो ज़रूरी है  

कुछ भी करवा ले आज तेरा शबाब 
आज की रात भी सिन्दूरी है 
इम्तेहां लोगे कोई बात नहीं 
हाथ कंगन को कितनी दूरी है 

बात की बात भूलने वाले 
झूठ इतना भी क्या ज़रूरी है 
बक़्श दो अर्ज़ मेरे शेरों को 
मेरी ग़ज़ल अभी अधूरी है 

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