This page contains poetries and ghazals created by me at different times in my life.
Thursday, March 22, 2007
लिक्खा है इक गीत नया
जीवन के ताने बाने में
सारा जीवन बीत गया
हर इक मोड़ पे हमने अक्सर
लिक्खा है इक गीत नया
धुंधले से लगते हैं शीशे
पर्तों पर धुंधली यादें
ख़ाबों को जब भी देखा है
याद आया जो बीत गया
हम तो हैं पिछ्डे हमसे ही बिछ्ड़े
हमको ही ताना देते हैं
यूं मिट्टी से अलग हुए के
भूल गये सब रीत हया
सच तो सच है झूठ भी सच है
किस सच की ये बात है दोस्त
हमने तो सच लिक्खा था पर
झूठा सच ही जीत गया
जीवन के ताने बाने में
सारा जीवन बीत गया
हर इक मोड़ पे हमने अक्सर
लिक्खा है इक गीत नया
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