तेरी यादों के लिफ़ाफ़े को आज खोला है
कितनी प्यारी सी तेरी तस्वीर मिली है मुझको
जी में आता है के सारे वो लम्हे जी भर लूं
क्या खबर कौन से पल ये नज़ारा छिन जाए
तुम बिछड़ते नहीं तो आज ये दिन ना मिलता
तेरी यादों के इस सुहाने पल को जीने का
तुम बिछड़ते नहीं तो ख़ाब में आते भी नहीं
चलो अच्छा ही हुआ के तुम बिछड़ गए मुझसे
कौन से तीर मार डाले मिल के लोगों ने
हम तो खुश हैं बिछड़ के भी आज दिलबर से
जी में आता है के तू आ के अभी मिल मुझसे
पर तू रहने दे ख्यालों के सफर में खुद को
क्या ये होगा भी कभी तुम ही चल के आओगे
दर पे दस्तक सी करोगे या चले जाओगे
जी मचलता है यही सोचकर जो आये तुम
क्या कोई बात बची भी है तुमसे कहने को
तुझको शायद से मेरे एहसास का पता भी नहीं
तू जो खुश है तो मेरा दिल ख़ुशी में डूबा है
मैंने बरसों के बाद जाने क्यों इन दराज़ों से
तेरी यादों के लिफ़ाफ़े को आज खोला है
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